इनपुट डिवाइस क्या है What is Input Device in Hindi 2023

दोस्तों क्या आप जानते है कि इनपुट डिवाइस क्या है (Input Device in Hindi) जब डेटा ऐंट्री की बात की जाती है तो हमारे मस्तिष्क में बस एक की- बोर्ड (Keyboard) की छवि उभरती है, जिसके द्वारा डेटा को टाप-अप कर कंप्यूटर को डेटा प्रदान कर सकते हैं, और भी ऐसे कई इनपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर के कार्य के लिए प्रयोग में लायी जाती है परंतु जैसा कि हमने डेटा के विभिन्न रूपों का उल्लेख किया है, की-बोर्ड द्वारा मात्र एक प्रकार के डेटा की कंप्यूटर में ऐंट्री की जा सकती है, वह अक्षर संख्या संकेत (symbol) के रूप में ऐंटर किया जा सकता है।

कई ऐसे इनपुट डिवाइस है जो हम में से कई लोगो को पता ही नहीं है और लोग इनके बारे में जानते ही नहीं है तो चलिए आज हम आपको इनपुट डिवाइस क्या है इनपुट डिवाइस कौन कौन से है और अन्य computer के उन सभी इनपुट डिवाइस के बारे में बताते है जो उपयोग में लायी जाती है

इनपुट डिवाइस क्या है Input Device In Hindi

इनपुट डिवाइस एक Electronic Device है जो उसे के द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर में इनपुट करता है यह एक हार्डवेयर डिवाइस होता है जो कंप्यूटर के द्वारा जुड़ कर ही कार्य कर सकता है अगर आसान भाषा में कहे तो इनपुट डिवाइस वे डिवाइस होते है जिनके द्वारा हम कम्प्यूटर को इनपुट प्रदान करता है वे सभी इनपुट डिवाइस कहलाते है Input Device Example :- Keyboard, Mouse, Light Pen, Web Camera, Joystick, Microphone, Scanner etc.

Computer की शून्य पीढ़ी से लेकर वर्तमान तक विभिन्न प्रकार की इनपुट युक्तियां विकसित की जा चुकी हैं। सर्वप्रथम निर्मित इनपुट युक्तियां; जैसे -पेपर टेप,कार्ड, पंचकार्ड आदि का उपयोग आजकल नहीं होता है। वर्तमान में प्रयोग किये जा रहे प्रमुक इनपुट उपकरणों का विवरण निम्न प्रकार है-

कीबोर्ड (Keyboard)

कीबोर्ड सबसे महत्वपूर्ण इनपुट उपकरण है। कंप्यूटर को इनपुट (डाटा या सूचनाएं) दिया जाता है। इसमें टाइपराइटर की तरह बहुत से बटन या कुंजियां होती हैं। इन कुंजियों को दबा-दबाकर कोई भी पाठ्य जैसे शब्द, संख्याएं और बहुत से चिन्ह टाइप किए जा सकते हैं। कुंजियों के ऊपर छापे चिन्हों से पहचाना जाता है कि कोई कुंजी किस कार्य के लिए है। और उसकी विभिन्न कुंजियों को ओर संकेत किया गया है प्रमुख कुंजियों का संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है-

वर्णमाला कुंजियां (Alphabet Keys)- इन कुंजियों से अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर टाइप किये जाते हैं। किसी वर्णमाला कुंजी को अकेले दबाने पर छोटा अच्छा टाइप होता है। उसी को शिफ्ट के साथ दबाने पर कैपिटल अक्षर टाइप होता है।

संख्या कुंजियां (Number Keys)- वर्णमाला कुंजियों से ऊपर की पंक्ति में संख्या कुंजियां होती है। इन कुंजियों से 0 से 9 तक के अंक टाइप किए जाते हैं। संख्याएं टाइप करने के लिए कीबोर्ड में कुंजियों का अलग से सेट होता है, जिसे संख्यात्मक की-पैड (Numeric Key-Pad) कहते हैं।

एस्केप कुंजि (Escape Key)- इस कुंजी का उपयोग कुछ प्रोग्रामों से बाहर निकलने के लिए किया जाता है।

फंक्शन कुंजियां (Function Keys)- ये ऐसी कुंजियां हैं, जिनमें किसी चल रहे प्रोग्राम के अनुसार विभिन्न आदेश भरे होते हैं। किसी फंक्शन कुंजी को दबाने पर उसमें भरा हुआ आदेश चालू हो जाता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रोग्राम के अनुसार अलग-अलग होता है।

कर्सर कंट्रोल कुंजियां (Cursor Control Keys)- इन कुंजियों पर तीर के चिन्ह छपे होते हैं। इन कुंजियों से कर्सर को मॉनीटर के पर्दे पर कहीं भी ले जाया जा सकता है। किसी चीज की कुंजी को दबाने पर कर्सर उस पर छपे तीर की दिशा में एक स्थान सरक जाता है, जैसे ⬇️ कुंजी को दबाने पर कर्सर एक लाइन नीचे की ओर चला जाएगा और ➡️ कुंजी को दबाने पर कर्सर एक स्थान दायीं और चला जाएगा।

संख्यात्मक की-पैड (Numeric Key-Pad)- यह कीबोर्ड के दायें भाग में कुंजियों का एक विशेष समूह होता है, जिससे केवल संख्यात्मक डाटा तैयार किया जाता है। इस की-पैड का स्वरूप एक साधारण इलैक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर की तरह होता है। हम कंप्यूटर में जो डाटा भरते हैं उसमें लगभग 90% डाटा संख्यात्मक होता है। संख्यात्मक डाटा तैयार करने की सुविधा के लिए यह की-पैड लगाया गया है। इस पर हम केवल एक हाथ से संख्यात्मक डाटा कर सकते हैं। इसको एक्टिव करने के लिए Num Lock बटन ON होना चाहिए।

कंट्रोल कुंजी (Control Key)- इस कुंजी का उपयोग कुछ विशिष्ट आदेश देने के लिए अन्य कुंजियों के साथ संयुक्त रूप से किया जाता है। उदाहरण के लिए, विंडोज वातावरण में कंट्रोल के साथ C (Ctrl+C) दबाने पर कोई चुनी हुई वस्तु या सामग्री क्लिप बोर्ड में नकल (Copy) हो जाती है। दूसरे शब्दों में, यह Copy आदेश का शॉर्टकट है। कंट्रोल कुंजी का उपयोग इसी प्रकार विभिन्न शॉर्टकट आदेश देने के लिए किया जाता है।

ऑल्ट कुंजी (Alt Key)- इस कुंजी का उपयोग भी कंट्रोल कुंजी की तरह कुछ शॉर्टकट आदेशों में किया जाता है।

एण्टर कुंजी (Enter Key)- इसे रिटर्न (Return) कुंजी भी कहा जाता है। यह हमारे द्वारा तैयार किये गये किसी आदेश को कंप्यूटर में भेजने का कार्य करती हैं। एमएस-डॉस वातावरण में एंटर दबाने पर आदेश कंप्यूटर को भेज दिया जाता है और उसका पालन कराया जाता है। विंडोज वातावरण में यह किसी चुने हुए आदेश या आईकॉन को सक्रिय करने का कार्य करती है।

शिफ्ट कुंजियां (Shift Keys)- ये संख्या में दो होती हैं, इनका उपयोग टाइप करते समय छापे के बड़े अक्षर टाइप करने के लिए किया जाता है। यदि किसी कुंजी पर दो छपे हैं, तो शिफ्ट के साथ दबाने पर ऊपर का चिन्ह टाइप होता है।

बैक स्पेस कुंजी (Back Space Key)- इसका उपयोग टाइप की गलतियों को तत्काल ठीक करने के लिए किया जाता है। इसे दबाने पर कर्सर के बायीं ओर का चिन्ह मिटा दिया जाता है।

सम्पादन कुंजियां (Editing Keys)- कर्सर कंट्रोल कुंजियों के ऊपर कुंजियों का एक विशेष समूह होता है, जिनका उपयोग दस्तावेज या पाठ्य को तैयार करते समय सम्पादन के लिए किया जाता है। इस समूह में ये कुंजियां होती हैं- Insert, Delete, Home, End, Page Up 1Le Page Down । इनका प्रभाव विभिन्न प्रोग्रामों में भिन्न-भिन्न होता है।

कैप्स लॉक कुंजी (Caps Lock Key)- यह कुंजी सेट कर देने पर केवल छापे के बड़े अर्थात् कैपिटल अक्षर टाइप होते हैं, अन्यथा छापे के छोटे अक्षर टाइप होते हैं। वर्णमाला कुंजियों के अलावा अन्य कुंजियों पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

अन्य कुंजियां (Other Keys)- इन कुंजियों के अलावा कीबोर्ड पर अन्य कई कुंजियां भी होती हैं, जैसे- Pause, Break, Print Screen, Scroll Lock आदि। इनका विशेष उपयोग होता है।

कंट्रोल (Ctrl), शिफ्ट (Shift) और आल्ट (Alt) कुंजियों को प्राय: मोडिफायर कुंजियां (Modifier keys) भी कहा जाता है, क्योंकि इनके साथ प्रयोग करने पर अन्य अधिकांश कुंजियों का उपयोग या प्रभाव बदल जाता है।

कैप्स लॉक (Caps Lock), नव लॉक (Num Lock) तथा स्क्रोल लॉक (Scroll Lock) कुंजियों को टॉगल कुंजियां (Toggle keys) कहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक बार दबाने पर उनका प्रभाव उलट जाता है।

माउस (Mouse)

माउस हाथ में पकड़कर चलाया जाने वाला एक इनपुट उपकरण है। यह एक केबिल द्वारा सी.पी.यू. से जुड़ा रहता है। इसका उपयोग मॉनीटर के पर्दे पर कर्सर या माउस पॉइंटर को कंट्रोल करने में किया जाता है। इसका प्रयोग कंप्यूटर पर गेम खेलने के लिए भी किया जाता है। माउस एक छोटी डिब्बी के आकार का होता है। इसको हाथ से पकड़कर एक समतल पैड पर सरकाया जाता है, जिसे माउस पैड कहते हैं।

माउस में नीचे की ओर पैड को छूते हुए एक बॉल होती है। जब माउस सरकाया जाता है, तो यह बॉल घूमती है। माउस के ऊपर दो बटन भी लगे होते हैं- जिन्हें बायां और दायां बटन कहां जाता है। हम इन बटनों को दबाकर कंप्यूटर को इनपुट देते हैं।

मॉनीटर के पर्दे पर एक ऊपर उठे हुए तिरछे तीर ↖️ जैसा चिन्ह होता है, जिसे माउस पॉइंटर (Mouse Pointer) कहा जाता है। यह पॉइंटर माउस की हलचल के अनुसार ही हलचल करता है। जब माउस को उसके पैड पर सरकाया जाता है, तब माउस पॉइंटर भी पर्दे पर उसी दिशा में सरकता है। माउस को सरकाकर माउस पॉइंटर को स्क्रीन पर कहीं भी लाया जा सकता है।

माउस पॉइंटर का रूप प्राय: उसकी स्थिति और प्रोग्राम के अनुसार बदलता रहता है। माउस के साथ कई क्रियाएं की जाती हैं। जब माउस को सरकाकर माउस पॉइंटर को स्क्रीन के किसी विशेष स्थान पर लाते हैं, तो उसे पॉइंट करना (Pointing) कहा जाता है। माउस के बाएं बटन को एक बार दबाकर छोड़ देने की क्रिया को क्लिक करना (Clicking) कहा जाता है। जब बाएं बटन को जल्दी-जल्दी दो बार क्लिक करते हैं, तो इस क्रिया को डबल-क्लिक करना (Double Clicking) कहा जाता है।

कभी-कभी दाएं बटन को भी क्लिक किया जाता है । इस क्रिया को दायां क्लिक करना (Rigth Clicking) कहते हैं। इसकी आवश्यकता प्राय: विंडोज आधारित प्रोग्रामों में होती है। जब हम माउस के दायां क्लिक करते हैं, तो एक विशेष मेन्यू स्क्रीन पर खुल जाता है, जिसे कॉण्टैक्स्ट मेन्यू (Context Menu) कहा जाता है। उसमें उस प्रोग्राम में उस समय की स्थिति के अनुसार विकल्प दिये जाते हैं।

हम मॉनीटर की स्क्रीन पर बनी हुई किसी भी वस्तु पर माउस पॉइंटर लाकर और क्लिक करके उस वस्तु को चुन सकते हैं। कभी-कभी स्क्रीन की किसी वस्तु को माउस पॉइंटर द्वारा चुनते हुए बायां बटन दबाकर पकड़ लेते हैं और बटन दबाए रखते हुए माउस पॉइंटर को सरकाते हैं। इससे वह चुनी हुई वस्तु भी साथ ही साथ सरकती है। इस क्रिया को खींचना या ड्रैगिंग (Dragging) कहा जाता है। जब हम माउस पॉइंटर द्वारा किसी वस्तु को एक स्थान से खींचकर दूसरे स्थान पर छोड़ते हैं, तो इस क्रिया को छोड़ना या ड्रॉपिंग (Dropping) कहा जाता है।

ड्रैगिंग और ड्रॉपिंग क्रियाओं की आवश्यकता प्राय: किसी ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस (Graphical User Interface) आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे विंडोज या लाइनक्स अथवा उसमें चलने वाले प्रोग्रामों पर कार्य करते समय होती है। माउस का प्रयोग ज्यादातर विंडोज (Windows), डेस्क टॉप प्रकाशन (Desk Top Publishing) तथा ग्राफिक्स (Graphics) आदि ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) आधारित प्रोग्रामों अथवा कार्य में अनिवार्य रूप से किया जाता है।

ट्रैकर बॉल (Tracker Ball)

यह डिवाइस माउस की तरह ही होती है अन्तर केवल इतना है की जो बॉल माउस के नीचे होता है, ट्रैक बॉल में वह ऊपर लगी होती है। ट्रक बॉल अंगूठे या अंगुली की सहायता से घुमाया जाता है जिससे कर्सर की दिशा को तय किया जा सके। ट्रैक बॉल माउस की अपेक्षा कम स्थान घेरती है। माउस की तरह इसे इधर-उधर घुमाना नहीं पड़ता है। इसका अधिकांश प्रयोग लैपटॉप तथा गेम में किया जाता है।

लेखनी (Stylus)

कंप्यूटर में लेखनी, पेन की आकृति की तरह एक वस्तु होती है, जिसका प्रयोग कंप्यूटर की स्क्रीन, मोबाइल उपकरण या ग्राफिक्स टैबलेट पर इनपुट अर्थात् लिखने, डिजाइनिंग इत्यादि कार्यों में किया जाता है। यह टच स्क्रीन उपकरणों पर ही लिखा जाता है। इसका प्रयोग इस स्क्रीन पर Stylus से दबाकर करते हैं। इस प्रकार यह एक इनपुट डिवाइस है। इसके द्वारा कंप्यूटर में किसी भी प्रकार की आंकड़ों, चिन्ह इत्यादि को सूचना के रूप में प्रदान किया जा सकता है।

लाइट पेन (Ligth Pen)

यह पेन के आकार का प्रकाश संवेदी प्वाइटिंग डिवाइस है जिससे पीछे एक केबल लगी होती है। जब उसको स्क्रीन के ऊपर चलाया जाता है तो केबल की सहायता से कंप्यूटर प्रकाश की तीव्रता को महसूस कर रेखाएं खिंचती हैं। अतः हम लाइटपेन से सीधे मॉनीटर स्क्रीन पर कुछ भी अंकित कर सकते हैं। इससे मॉनीटर स्क्रीन पर चलते समय कोई खरोंच नहीं आती।

स्कैनर (Scanner)

Scanner एक ऐसा इनपुट उपकरण है, जो किसी कागज पर बने हुए या छपे हुए चित्र को अंकिय डाटा में बदलकर कंप्यूटर को भेज देता है। स्कैनर से हम छपे हुए पाठ्य‌ को भी पढ़ सकते हैं अर्थात स्कैनर छपे हुए पाठ्य को कागज से पढ़कर कंप्यूटर में स्टोर कर सकता है, लेकिन हाथ से लिखे हुए पाठ्य को इससे नहीं पढ़ा जा सकता। स्कैनर का उपयोग प्राय: डेस्क टॉप प्रकाशन अर्थात् कंप्यूटर की सहायता से पुस्तकों की छपाई में किया जाता है।

स्कैनर एक फोटो कॉपी मशीन की तरह होता है, इसके कवर को उठाकर चित्र या पाठ्य वाले कागज को मुंह नीचे करके रख दिया जाता है और कवर से ढक दिया जाता है। स्कैनर को चलाने वाला प्रोग्राम आदेश देते ही उस चित्र या पाठ्य को स्कैन कर लेता है।

जॉयस्टिक (Joystick)

यह एक गोलाकार गेंद के ऊपर लगी हुई एक छडी़ या मूठ होती है, जिससे उस गेंद को उसके साकेट के अंदर घुमाया जाता है। जॉयस्टिक की सहायता से हम स्क्रीन पर चलती हुई किसी वस्तु की दिशा बदल सकती हैं तथा उसे आगे-पीछे या ऊपर-नीचे ले जा सकते हैं। जॉयस्टिक में एक बटन भी लगा होता है, जिसे पुश-बटन (Push Button) या फायर-बटन (Fire Button) कहा जाता है। जॉयस्टिक का प्रयोग प्राय: कंप्यूटर पर वीडियो गेम खेलने में किया जाता है और फायर बटन को दबाकर आदेश दिया जाता है।

वेब कैमरा (Web Camera)

यह एक डिजिटल कैमरा होता है, जिसे कंप्यूटर से जोड़ा जाता है। इसके द्वारा हम साधारण कैमरे की तरह चित्र खींच सकते हैं, जो मेमोरी में डिजिटल इमेज के रूप में स्टोर हो जाते हैं। वेब कैमरे का उपयोग प्राय: वीडियो कान्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) में भी किया जाता है।

माइक्रोफोन (Microphone)

इसे माइक कहा जाता है। यह एक वॉयस रिकॉग्नाइजर (Voice Recogniser) होता है, जो ध्वनि को रिकॉर्ड करने में सहायता करता है। इनपुट में दी गयी ध्वनियों को ग्रहण करके कंप्यूटर तक पहुंचाता है, जहां उसे सुरक्षित कर दिया जाता है।

आजकल माइक्रोफोन का उपयोग बोले गए शब्दों को कंप्यूटर पर लिखने में भी किया जाता है। इसके लिए माइक्रोफोन के सामने शब्दों को स्पष्ट रूप में बोला जाता है और एक विशेष प्रोग्राम द्वारा उन शब्दों को पहचान कर पाठ्य के रूप में स्क्रीन पर दिखा दिया जाता है, जिन्हें बाद में स्टोर किया जा सकता है। इससे समय की बहुत बचत होती है। माइक्रोफोन का उपयोग इंटरनेट टेलीफोन सुविधा के लिए भी किया जाता है।

निष्कर्ष :

हम आशा करते है कि इनपुट डिवाइस क्या है (Input Device in Hindi) इनपुट डिवाइस कौन कौन से है आदि सभी प्रकार के जवाब मिल गए होंगे अगर आपका अभी भी कोई सवाल है तो हमें कमेंट करके पूछ सकते है अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे ताकि उन्हे भी इनपुट डिवाइस क्या है से रिलेटेड सभी सवालो के जवाब मिल जाये।

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